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1 Corinthians 7.35

  
35. यह बात तुम्हारे ही लाभ के लिये कहता हूं, न कि तुम्हें फंसाने के लिये, बरन इसलिये कि जैसा सोहता है, वैसा ही किया जाए; कि तुम एक चित्त होकर प्रभु की सेवा में लगे रहो।