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Ephesians 4.16

  
16. जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में हाता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए।।