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Isaiah 32.6

  
6. क्योंकि मूढ़ तो मूढ़ता ही की बातें बोलता और मन में अनर्थ ही गढ़ता रहता है कि वह बिन भक्ति के काम करे और यहोवा के विरूद्ध झूठ कहे, भूखे को भूखा ही रहने दे और प्यासे का जल रोक रखे।