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Isaiah 54.11

  
11. हे दु:खियारी, तू जो आंधी की सताई है और जिस को शान्ति नहीं मिली, सुन, मैं तेरे पत्थरों की पच्चीकारी करके बैठाऊंगा, और तेरी नेव नीलमणि से डालूंगा।