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Isaiah 58.5

  
5. जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूं अर्थात् जिस में मनुष्य स्वयं को दीन करे, क्या तुम इस प्रकार करते हो? क्या सिर को झाऊ की नाईं झुकाना, अपने नीचे टाट बिछाना, और राख फैनाने ही को तुम उपवास और यहोवा को प्रसन्न करने का दिन कहते हो?