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Isaiah
Isaiah 9.21
21.
मनश्शे एप्रैम को और एप्रैम मनश्शे को खाता है, और वे दोनों मिलकर यहूदा के विरूद्ध हैं इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ, और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है।।