Home
/
Hindi
/
Hindi Bible
/
Web
/
Jeremiah
Jeremiah 2.36
36.
तू क्यों नया मार्ग पकड़ने के लिये इतनी डांवाडोल फिरती है? जैसे अश्शूरियों से तू लज्जित हुई वैसे ही मिस्रियों से भी होगी।