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Jeremiah 51.46

  
46. जब उड़ती हुई बात उस देश में सुनी जाए, तब तुम्हारा मन न धबराए; और जो उड़ती हुई चर्चा पृथ्वी पर सुनी जाएगी तुम उस से न डरनो उसके एक वर्ष बाद एक और बात उड़ती हुई आएगी, तब उसके बाद दूसरे वर्ष में एक और बात उड़ती हुई आएगी, और उस देश में उपद्रव होगा, और एक हाकिम दूसरे के विरूद्व होगा।