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Psalms
Psalms 54.3
3.
क्योंकि परदेशी मेरे विरूद्व उठे हैं, और बलात्कारी मेरे प्राण के ग्राहक हुए हैं; उन्हों ने परमेश्वर को अपने सम्मुख नहीं जाना।।