Home
/
Hindi
/
Hindi Bible
/
Web
/
Psalms
Psalms 84.6
6.
वें रोने की तराई में जाते हुए उसको सोतों का स्थान बनाते हैं; फिर बरसात की अगली वृष्टि उसमें आशीष ही आशीष उपजाती है।