Home
/
Hindi
/
Hindi Bible
/
Web
/
Romans
Romans 16.4
4.
उन्हों ने मेरे प्राण के लिये अपना सिर दे रखा था और केवल मैं ही नहीं, बरन अन्यजातियों की सारी कलीसियाएं भी उन का धन्यवाद करती हैं।